मेरी दुनिया
झूठ बोलकर सपनों कि दुनिया में तो तुम ले आये...
एक प्यारा सन्सार है यहां, जाने क्या क्या बतलाये...
मिलता यहाँ सब कुछ, चाहे तुम कुछ भी फ़रमान करो
सब चीज हाजिर हो जायेगा पल भर में, कुछ तो तुम अरमान करो .....
है उन्ची उन्ची अटारिया, है बड़े बडे से रास्ते..
सब अपने आप में मगन हैं, किसी को भी नहीं किसी और से वास्ते...
लाखों के दुनिया में यहाँ हर कोई अकेला है..
कहने को तो सारा है, पर बोला यहाँ कौन हमारा है..
हर किसी का अलग अलग स्वांग यहाँ पर, सबकी अलग अलग पहचान है...
बस काम भर का रिश्ता है यहां पर, वरना तो सारे अन्जान हैं...
नहीं चाहिए मुझे तुम्हारा ये सपनो का संसार, मुझे ले चलो फ़िर वहाँ पर, जहाँ मेरा अपना घर द्वार...
है अपनो का प्यार जहाँ पर, माँ बाप का दुलार जहाँ पर...
जहाँ खेतो की पगडन्डिया हैं, जहाँ नहर का निश्छल पानी है...
दुनिया मेरी वही है, वही जीवन की रवानी है...
मीठे मीठे आम जहाँ पर, गोल गोल से बेर हैं...
दुध, दही का भरमार जहाँ पर, अमरुद, तरबुज का ढेर है..
मुझे तुम्हारा ये शहर नहीं भाता, अपना मुझे कोई नजर नहीं आता..
ले चलो फ़िर से मुझे मेरे गाँव, मेरा वही से सच्चा नाता...
@प्रेम_आर्या
एक प्यारा सन्सार है यहां, जाने क्या क्या बतलाये...
मिलता यहाँ सब कुछ, चाहे तुम कुछ भी फ़रमान करो
सब चीज हाजिर हो जायेगा पल भर में, कुछ तो तुम अरमान करो .....
है उन्ची उन्ची अटारिया, है बड़े बडे से रास्ते..
सब अपने आप में मगन हैं, किसी को भी नहीं किसी और से वास्ते...
लाखों के दुनिया में यहाँ हर कोई अकेला है..
कहने को तो सारा है, पर बोला यहाँ कौन हमारा है..
हर किसी का अलग अलग स्वांग यहाँ पर, सबकी अलग अलग पहचान है...
बस काम भर का रिश्ता है यहां पर, वरना तो सारे अन्जान हैं...
नहीं चाहिए मुझे तुम्हारा ये सपनो का संसार, मुझे ले चलो फ़िर वहाँ पर, जहाँ मेरा अपना घर द्वार...
है अपनो का प्यार जहाँ पर, माँ बाप का दुलार जहाँ पर...
जहाँ खेतो की पगडन्डिया हैं, जहाँ नहर का निश्छल पानी है...
दुनिया मेरी वही है, वही जीवन की रवानी है...
मीठे मीठे आम जहाँ पर, गोल गोल से बेर हैं...
दुध, दही का भरमार जहाँ पर, अमरुद, तरबुज का ढेर है..
मुझे तुम्हारा ये शहर नहीं भाता, अपना मुझे कोई नजर नहीं आता..
ले चलो फ़िर से मुझे मेरे गाँव, मेरा वही से सच्चा नाता...
@प्रेम_आर्या
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