बापू1

मन है व्याकुल, कहने को आतुर...
सुनना बापू बड़े ध्यान से..
बदल रहा है लोगो की मनस्थिति ..
खेल रहे सब भारत की आन से..

जान के लालायित सारे, क्या जान का कोई मोल नहीं  ?
दुजो को कहते गलत ,खुद को सही..
क्या न्याय का दस्तुर यही?

पहन के सारे बापू तेरे वेष..
मन में रखकर गुस्सा और द्वेश..
बदल रहे हैं संस्कृति हमारी..
बदल रहे हैं प्यारा परिवेश..

भ्रष्टाचारी खुद को कहते साधु...
हत्यारे हो रहे निष्पाप हैं..
जिससे जानी जाती थी अस्मिता हमारी...
वो सारे बाबा अभिशाप हैं ...

वेशभूषा हैं गांधी सी, पर हैं गोडसे के आवेश में..
बदल रहे व्यवहार सभी के गांधी जी के देश में
..
#HappyGandhiJayanti 

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