ये सावन बड़ा हरजाई है 💓

ये सावन बड़ा हरजाई है....
बुंद बुंद गिरी जमी पर, पौधो ने ली अंगराई है...
तुम तो नहीं आये साकी, पर तेरी याद आई है....
गरमी के मौसम में, काली बादल घिर आई है...
सनन सनन हवा हर कोने से बलखाई है...
सूखी धरा भी तृप्त हुई है, मोर भी विक्षिप्त हुई है...

सारा जहाँ खुशहाल हुआ है,
पर मेरा दिल बेहाल हुआ है ...
बोलो अकेले इस मौसम का कैसे सत्कार करु मैं..
करके बहाने तुम ना आई, अब बोलो किससे प्यार करु मैं..
अब छोड़ो पुरानी बातों को, नये सिरे से शुरुआत करे हम...
मैं हूँ तेरा, तुम हो मेरा... आ बेफ़िक्र होकर प्यार करे हम.... 

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